किरण पड़ी सरोवर पर,वो भी गया चमक पत्ता-पत्ता, बूटी-बूटी खेले ,खेल संग-संग किरण पड़ी सरोवर पर,वो भी गया चमक पत्ता-पत्ता, बूटी-बूटी खेले ,खेल संग-संग
सजग सबल सामर्थ्यवान बन वो आधुनिक नारी है। सजग सबल सामर्थ्यवान बन वो आधुनिक नारी है।
दृढ़ता विश्वास ही होगा जो मेरी जिंदगी संवारेगी।। दृढ़ता विश्वास ही होगा जो मेरी जिंदगी संवारेगी।।
कुछ जज़्बात अधूरे थे ज़िन्दगी में सोचा कुछ जज़्बात बाट लूँ शायद अधूरे जज़्बात पूरे हो जाएं। कुछ जज़्बात अधूरे थे ज़िन्दगी में सोचा कुछ जज़्बात बाट लूँ शायद अधूरे जज़्बात पूरे ह...
वक्त बदल रहा है कुछ बातों को भूल जा। वक्त बदल रहा है कुछ बातों को भूल जा।
इनसे मिलने से पहले सोचता था कि ये शायर, लेखक और कवि क्या बकवास लिखते है। अपने लेख को पढ़ाने के लिए क... इनसे मिलने से पहले सोचता था कि ये शायर, लेखक और कवि क्या बकवास लिखते है। अपने ले...